शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

सम्यक् का क्या अर्थ होता है ? What is the meaning of Samyak?

जैन दर्शन में रत्नत्रय का जिक्र होता है, यानी तीन रत्न - सम्यक् दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारित्र। बिना रत्नत्रय के मोक्ष की प्राप्ति असंभव है। रत्नत्रय को जानने से पहले हम सम्यक शब्द का अच्छे से, पूरा - पूरा, ठीक - ठीक, सही, और उचित मतलब समझें। 

जी हाँ। सम्यक् का यही मतलब होता है - पूरा, ठीक, सही, उचित, अच्छे से, पुरे तरीके से, हर तरीके से, सच्चे तरीके से, सर्वथा, पूर्णतया, भली-भाँति

सम्यक् संस्कृत का शब्द है। 



आइये, सम्यक् शब्द को वाक्य में प्रयोग करते हैं। 

१. इस वर्ष परीक्षा में अव्वल आने के लिए मेरा सम्यक् अध्द्ययन बहुत ही महत्वपूर्ण है। 
२. कुछ महीनों बाद मुझे ये एहसास हुआ कि मेरा व्यवसाय का चयन सम्यक् नहीं था। मैंने बंद कर दिया। 
३. अच्छा वैज्ञानिक बनने के लिए सम्यक् शोध और सम्यक् वर्णन दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण है। 
४. इन जंगली रास्तों की सम्यक् जानकारी लिए बगैर हम निकल गए। पता नहीं हम वापस बाहर निकल पाएंगे कि नहीं।
५. भरी सभा में इस तरह का कथन सम्यक् नहीं था। उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। 

तो अगर सम्यक् नहीं है मतलब पूरा नहीं है, सही नहीं है, अधूरा है, अस्पष्ट है और अभी बचा है। अब आप समझ गए होंगे कि दर्शन, ज्ञान और चरित्र के आगे सम्यक लगाने का क्या अर्थ है। क्योंकि इन तीनों बातों का पूरा होना, सही होना ना सिर्फ़ ज़रूरी है बल्कि एक शर्त है। 
इसीलिए सम्यक् शब्द के अर्थ सम्यक् रूप से जानना ज़रूरी था। 
अगर आपको यह तरीका अच्छा लगा हो तो टिपण्णी ज़रूर कीजिये और कोई त्रुटि हो तब भी बताइये। 

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